आरक्षण में उलझी आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया, कई जिलों में जारी नहीं विज्ञापन

उत्तर प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पर कई जिलों में ब्रेक लग गया है। आरक्षण को लेकर उलझे कई जिलों ने अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सेविकाओं की नियुक्ति का विज्ञापन जारी नहीं किया है। अब तक करीब डेढ़ दर्जन जिले ही रिक्त पदों पर नियुक्ति का विज्ञापन जारी कर आवेदन पत्र ले सके हैं। 

दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी वर्ष मार्च में आंगनबाड़ी केंद्रों में 53 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की भर्ती के लिए जिलेवार विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए थे। भर्ती मई के दूसरे हफ्ते तक पूरी की जानी थी। अप्रैल में आई कोरोना की दूसरी लहर का असर भी भर्ती प्रक्रिया पर पड़ा है। साथ ही बहुत से जिले आरक्षण को लेकर उलझे हुए हैं। शासन से भेजे गए पत्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण को लेकर प्राविधान नहीं किया गया है। बाकी आरक्षण की स्थिति भी साफ नहीं की गई है। इन जिलों ने शासन को पत्र लिख कर स्थिति साफ करने के लिए कहा है।

उत्तर प्रदेश में आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया करीब 10 वर्षों बाद शुरू होने जा रही है। प्रदेश में इस समय इन तीनों श्रेणी के करीब 5300 पद खाली हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश में रहने वाले पुरुष और महिला उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए हैं। सरकार ने इसी साल 29 जनवरी को चयन प्रक्रिया का निर्धारण कर दिया है। सभी जिलों में डीएम की देखरेख में गठित चयन समिति इन पदों पर भर्ती करेगी। चयन समिति की संस्तुति के बाद डीएम के अनुमोदन के बाद भर्ती प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *