अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 || International women’s day 2023

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कब और क्यों  से मनाया जाता है?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस – 8 मार्च 2023 (112 वां)

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 थीम – “बढ़ती महिला शक्ति, बढ़ता भारत”

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य महिलाओं की समानता और महिला सशक्तिकरण को प्रमोट करना है। महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक अधिकारों की बढ़ती समस्याओं को समझने और समाधान के लिए इस दिन को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिला अधिकार आंदोलन का एक सेंटर प्वाइंट भी है, जो लैंगिक समानता, प्रजनन अधिकार, और महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार जैसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करता है |  इसके अलावा महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार को दर्शाते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है | इस दिन विभिन्न देशों में महिलाओं के लिए सेमिनार, कार्यशाला, रैली और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता अभियान आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय  महिला दिवस की जरूरत उस समय से उत्पन्न हुई जब महिलाओं के अधिकारों और समानता के लिए लड़ाई लड़ने की आवश्यकता थी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 8 मार्च, 1975 को हुई थी। इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन के दौरान स्थापित किया गया था। यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा संचालित किया गया था और यह सम्मेलन दुनिया भर की महिलाओं को उनके अधिकारों और समानता के लिए लड़ने के लिए समर्पित था। इस दिन को मनाने से महिलाओं के अधिकारों को समझने और उन्हें समर्थन देने के साथ-साथ, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है। इस दिन के माध्यम से समाज में महिलाओं के दर्जे और महत्व को बढ़ावा मिलता है, जिससे उन्हें समाज में समान अधिकारों का लाभ मिलता है। सम्मेलन में देशों की विभिन्न महिला संगठनों के नेता भाग लेते थे और उन्होंने अपने देशों की महिलाओं के लिए अधिकारों की मांग की थी। सम्मेलन ने समाज में महिलाओं की स्थिति और समानता के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की थी और इस विषय पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए इस दिन को चुना गया था।

8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाना सम्पूर्ण दुनिया में महिलाओं के अधिकारों को संरक्षित करने और समानता को बढ़ावा देने का संदेश देता है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास और पृष्ठभूमि:-

इस दिवस की स्थापना 1975 में संयुक्त राष्ट्र महिला सम्मेलन के मंच पर अधिकारों की जंग लड़ने वाली महिलाओं को समर्पित की गई थी। लेकिन उससे पहले साल 1909 ई. में ही इसे मनाने की कवायद की जा चुकी थी.

सर्वप्रथम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन एक श्रम आंदोलन था, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने वार्षिक आयोजन के तौर पर स्वीकृति दी. इस आयोजन की शुरुआत का बीजारोपण 1908 में तब पड़ा, जब न्यूयॉर्क शहर में 15000  महिलाओं ने काम के घंटे कटौती करने, बेहतर वेतन और वोट देने की मांग के साथ अपना  विरोध प्रदर्शन निकाला था.

इसके एक साल बाद अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने पहली बार राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत की. लेकिन इस दिन को अंतरराष्ट्रीय बनाने का विचार क्लारा जेटकिन नाम की महिला के दिमाग में आया था. उन्होंने अपना ये आइडिया 1910 में कोपेनहेगन में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ़ वर्किंग वीमेन मे सब के सामने रखा था | इस कांफ्रेंस में 17 देशों की तकरीबन 100 महिला प्रतिनिधि हिस्सा ले रही थीं, इन सबने क्लारा के सुझाव का स्वागत किया था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी, स्विट्जरलैंड में बनाया गया.

साल 1917 में रूस की महिलाओं ने रोटी और शांति की मांग के साथ 4  दिनों का विरोध प्रदर्शन किया था. तब उस समय के तत्कालीन रूसी जार को अपनी  सत्ता त्यागनी पड़ी थी और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार भी दिया | जिस दिन रूसी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, वह रूस में इस्तेमाल होने वाले जूलियन कैलेंडर के मुताबिक, 23 फरवरी और रविवार का दिन था | यही दिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक, आठ मार्च था और तब से इसी दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा | इसका शताब्दी आयोजन 2011 में मनाया गया था, इस लिहाज़ से 2023  में दुनिया 112 वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाएगी.

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की जरूरत क्यों  है ?

  1. सामाजिक अंतर को कम करना: महिलाओं को समान अधिकारों का अधिकार होना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का मुख्य उद्देश्य सामाजिक अंतर को कम करना है।
  2. शिक्षा: महिलाओं को शिक्षा मिलना चाहिए ताकि वे खुद को समाज में स्थान पा सकें। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के जरिए इस संदेश को प्रचारित किया जाता है।
  3. महिला स्वास्थ्य और सुरक्षा: महिलाओं को स्वस्थ रखना और सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस इस मुद्दे को उठाने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  4. महिला उत्पीड़न: महिला उत्पीड़न जैसे शोषण, हिंसा, बाल विवाह, वेतन का अंतर, स्वास्थ्य आदि के बारे में जागरूक करना चाहिए।
  5.  महिला सशक्तिकरण: महिला सशक्तिकरण के माध्यम से, महिलाएं समाज में अपनी आवाज को बुलंद करती हैं और अपनी स्थिति को सुधारने के लिए सक्रिय होती हैं। यह दिन महिलाओं को अपनी शक्ति को जानने, समानता के लिए लड़ने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने का भी एक मौका है।
  6. समानता के लिए जागरूकता: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जो समाज में महिलाओं के अधिकारों को संरक्षित करने और समानता के बारे में जागरूकता फैलाने का एक माध्यम है।
  7. महिलाओं की समस्याओं के बारे में जागरूकता: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, लोगों को महिलाओं की समस्याओं जैसे शोषण, हिंसा, बाल विवाह, वेतन का अंतर, स्वास्थ्य आदि के बारे में जागरूक करना चाहिए।
  8. समानता के लिए लड़ाई की जरूरत: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है समानता और अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने के लिए। यह एक दिन है जब हम सभी लोगों को समानता के लिए लड़ने की जरूरत को समझनी चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को प्रदर्शित करने वाले कौन-कौन से रंग हैं?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न रंगों का उपयोग किया जाता है। ये रंग इस दिवस पर महिलाओं के सम्मान के लिए प्रतीक बनते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख रंग हैं:

  1. उज्ज्वल लाल रंग – यह रंग शक्ति, बल और साहस को दर्शाता है।
  2. सफेद रंग – सफेद रंग सादगी, पवित्रता और नैतिकता को दर्शाता है।
  3. हरा रंग – यह रंग उम्मीद, खुशी, विकास और सकारात्मकता को दर्शाता है।
  4. गुलाबी रंग – गुलाबी रंग में व्यापक रूप से महिलाओं के सम्मान और स्त्री शक्ति का प्रतीक होता है।
  5. पुरपुरा रंग – यह रंग भावुकता, आत्मविश्वास और जागरूकता को दर्शाता है।

ये रंग अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं के सम्मान के लिए उपयोग किए जाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 का थीम क्या है?

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 का थीम “बढ़ती महिला शक्ति, बढ़ता भारत” है। यह थीम भारत में महिलाओं की समस्याओं को हल करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए एक संकल्प जताती है। इस थीम के तहत, विभिन्न संस्थानों, सरकारी विभागों और नागरिक समूहों द्वारा कई उपयोगी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जो महिलाओं के लिए समर्पित होते हैं। इस थीम के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए जागरूकता बढ़ाने और समस्याओं के समाधान के लिए समूहों के साथ मिलकर काम करने की अपील की जाती है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से समाज को क्या  सीख मिलती है ?

इस दिन को मनाने से महिलाओं को सम्मान देने का संदेश दिया जाता है और समाज को यह बताया जाता है कि महिलाओं का अधिकार , पुरुषों के सामान होना चाहिए और उन्हें सम्मानित करना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समाज को समानता के बारे में सिखाता है। इस दिन को मनाने से महिलाओं को उनके हकों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक मौका मिलता है। महिलाओं से  संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा की जाती है। समाज को यह बताया जाता है कि महिलाओं को उनके हकों के बारे में जानना चाहिए और उन्हें समर्थन देना चाहिए।इस दिन को मनाये जाने से समाज को उदारता का संदेश जाता है। महिलाओं के प्रति उदारता बढ़ाने से समाज के भीतर एक सशक्त और समर्थ संस्कृति का विकास होता है |

FAQ

Q. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च क्यों मनाया जाता है?

Ans. 8 मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है

Q. महिला दिवस सबसे पहले किसने मनाया था?

Ans. 1917 में सोवियत रूस में महिलाओं को मताधिकार मिलने के बाद, IWD को 8 मार्च को राष्ट्रीय अवकाश बना दिया गया |