विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023 कब और क्यों मनाया जाता है || World Consumer Rights Day 2023

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023 कब और क्यों मनाया जाता है

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस वर्ष 1983 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित किया गया था। यह दिवस तब से हर वर्ष 15 मार्च को मनाया जाता है।

यह दिवस उपभोक्ताओं के अधिकारों को जागरूक करने और संरक्षण करने के लिए मनाया जाता है। इस दिवस के माध्यम से उपभोक्ताओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है और उन्हें संरक्षित करने के लिए समाज को उनके अधिकारों का सम्मान करना सिखाया जाता है।

इस दिवस के अवसर पर, विभिन्न संगठन और संस्थाएं उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती हैं। इसके अलावा, लोग अपने उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने और अपने अधिकारों का समय-समय पर संरक्षण करने की जरूरत को समझाने के लिए भी अपनी तरफ से योगदान देते हैं।

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस को मनाया जाने का मुख्य कारण यह है कि उपभोक्ताओं के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए। उपभोक्ता एक ऐसा व्यक्ति होता है जो कुछ खरीदता है या सेवाएं प्राप्त करता है। उन्हें अपने अधिकारों को समझना चाहिए ताकि वे अपने हितों की रक्षा कर सकें।

दुनिया भर में उपभोक्ताओं के साथ अनेक अन्याय होते हैं। अक्सर कंपनियों द्वारा उनके साथ धोखाधड़ी की जाती है, उन्हें नुकसान पहुंचाया जाता है या उनसे अधिक मूल्य वसूला जाता है। ऐसे मामलों में, उपभोक्ताओं के अधिकार की रक्षा करने के लिए एक संयुक्त और गंभीर चेतना की आवश्यकता होती है।

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का आयोजन उपभोक्ता संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है और इससे उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाता है। उपभोक्ता संरक्षण  हमे बाजार के  द्वारा होने वाले दुरुपयोग तथा  हमारे अधिकारों को कमजोर करने वाले सामाजिक अन्याय तथा बाज़ार में होने वाली ठगी, मिलावट, MRP से ज्यादा दाम, बिना तोले समान बेचना या नापतोल में गड़बड़ी, गारंटी के बाद भी सर्विस न देना तथा एक्सपायरी डेट या सील टूटी हुई वस्तुएं बेचने अथवा बिल ना देने व धोखाधड़ी जैसे अपराधों का विरोध करता है |

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का इतिहास:

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का इतिहास 15 मार्च, 1962 को जब अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी ने कॉंग्रेस के सामने एक उपभोक्ता संरक्षण बिल को समर्थन दिया था। इस बिल का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों को सुरक्षित करना था। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस को फिर से आधिकारिक रूप से 1983 में मनाया गया था, जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक उपभोक्ता संरक्षण दिवस की घोषणा की। इस दिन का चयन उस तिथि के आधार पर किया गया था जब अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी ने उपभोक्ता संरक्षण बिल के समर्थन में स्पीच दिया था।

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों को संरक्षित करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस दिन को मनाकर संयुक्त राष्ट्र संघ उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना चाहता है और उन्हें उनकी शक्तियों और अधिकारों के बारे में जानकारी देना है |

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023 की थीम :

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023 की थीम “सुरक्षित शॉपिंग, स्थिर विकास” है। इस थीम का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित और विश्वसनीय खरीदारी को बढ़ावा देना है, जो व्यापक रूप से विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इस थीम के तहत, विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के माध्यम से उपभोक्ताओं को खरीदारी के दौरान उनके अधिकारों और सुरक्षा के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा, विभिन्न स्तरों पर न्यायपालिका, सरकार और उद्योग संगठनों को भी उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

 विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस हमे निम्न अधिकार प्रदान करते हैं –

1. सुरक्षा का अधिकार |

2. सूचित किए जाने का अधिकार |

3. चुनने का अधिकार |

4. सुने जाने का अधिकार |

5. समस्या के समाधान का अधिकार |

6. उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार |

उपभोक्ताओं के कुछ मुख्य अधिकार की व्याख्या निम्नवत हैं:

  1. संरक्षण का अधिकार: यह उपभोक्ताओं का मूल अधिकार है, जिसे वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए दावा कर सकते हैं।
  2. जानकारी का अधिकार: उपभोक्ताओं के पास संबंधित उत्पाद या सेवा के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए, जो उन्हें ठीक निर्णय लेने में मदद कर सकती है।
  3. चयन का अधिकार: यह उपभोक्ताओं का अधिकार है कि वे उन उत्पादों या सेवाओं का चयन करें जो उनकी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
  4. शिकायत करने का अधिकार: यदि कोई उपभोक्ता उत्पाद या सेवा से असंतुष्ट होता है, तो उन्हें उस संबंधित निकाय या संस्था में शिकायत करने का अधिकार होता है।
  5. समान वेतन का अधिकार: यह महिला उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अधिकार है, जिसके तहत वे उसी काम के लिए मुख्यतः पुरुषों से समान वेतन का दावा कर सकती हैं।
  6. स्वस्थ और सुरक्षित उत्पादों या सेवाओं का अधिकार: उपभोक्ताओं को स्वस्थ और सुरक्षित उत्पादों और सेवाओं का अधिकार होता है। उत्पादों या सेवाओं की गुणवत्ता और उनकी संरचना उपभोक्ताओं की सेहत और सुरक्षा पर निर्भर करती है। यह अधिकार उपभोक्ताओं को उत्पादों या सेवाओं की जांच करने का अधिकार देता है और सुरक्षित उत्पादों और सेवाओं के लिए उन्हें प्रेरित करता है।
  7. उत्पादों या सेवाओं के लिए मूल्य का अधिकार: उपभोक्ताओं को यह अधिकार होता है कि वे उत्पाद या सेवा के लिए उचित मूल्य देने का अधिकार होता है। वे अपने द्वारा खरीदे गए उत्पाद या सेवा के लिए संबंधित मूल्य देने के बजाय अधिक मूल्य नहीं देने के लिए दावा कर सकते हैं।
  8. जुर्माने का अधिकार:सेवा से संबंधित जुर्माने के बारे में जानकारी होनी चाहिए और वे उत्पाद या सेवा के लिए अधिक मूल्य लेने के बाद जुर्माने की मांग कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि उत्पाद या सेवा दोषपूर्ण होती है, तो उपभोक्ता उत्पाद या सेवा के लिए जुर्माने की मांग कर सकते हैं। इसके लिए, उन्हें उत्पाद या सेवा के दोष का सबूत प्रस्तुत करना होगा। उपभोक्ताओं को जुर्माने के बारे में जानकारी होना चाहिए, ताकि वे जान सकें कि उन्हें क्या करना चाहिए। जुर्माने का मामला उत्पाद या सेवा के बाद भी चलता रहता है ताकि उपभोक्ताओं के लिए एक सुरक्षा प्रणाली होती रहे।
  9. बुनियादी जरूरतों की संतुष्टि का अधिकार: बुनियादी, आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंच के लिए: पर्याप्त भोजन, कपड़े, आश्रय, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, सार्वजनिक उपयोगिताओं, पानी और स्वच्छता।
  10. स्वस्थ पर्यावरण का अधिकार: ऐसे वातावरण में रहना और काम करना जो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों की भलाई के लिए खतरा न हो।

भारत में कुछ प्रमुख उपभोक्ता संगठन हैं जो उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करते हैं। यहाँ कुछ उपभोक्ता संगठनों के नाम हैं:

  1. भारतीय उपभोक्ता विमान (Consumer VOICE)
  2. राष्ट्रीय उपभोक्ता फेडरेशन (National Consumer Federation)
  3. उपभोक्ता अधिकार संगठन (Consumer Rights Organisation)
  4. भारतीय उपभोक्ता संघ (Indian Consumer Union)
  5. राष्ट्रीय उपभोक्ता एवं मानव अधिकार संघ (National Consumer and Human Rights Organisation)
  6. राष्ट्रीय संघ उपभोक्ता कल्याण संगठन (National Confederation of Consumer Organizations)
  7. राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम (National Consumer Forum)
  8. उत्तर प्रदेश उपभोक्ता संघ (Uttar Pradesh Consumer Association)
  9. राजस्थान उपभोक्ता संघ (Rajasthan Consumer Association)
  10. दक्षिण भारतीय उपभोक्ता संघ (South Indian Consumer Association)
  11. दिल्ली उपभोक्ता संघ (Delhi Consumer Association)
  12. राष्ट्रीय संघ उपभोक्ता कल्याण संगठन (National Confederation of Consumer Organizations)
  13. अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत(Akhil Bhartiya Grahak Panchayat)
  14. कंज्यूमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (Consumer Guidance Society of India)
  15. अखिल भारतीय उपभोक्ता संरक्षण संगठन (All India Consumer Protection Organization)

ये संगठन भारत में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए सक्रिय हैं और उनकी मदद करते हैं जब वे किसी उत्पाद या सेवा के साथ समस्या का सामना करते हैं।

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का महत्व

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे उपभोक्ताओं के अधिकारों और सुरक्षा की जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को मनाकर, उपभोक्ताओं के अधिकारों को समझने और इसे सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता फैलाई जाती है। इस दिन के अवसर पर, उपभोक्ता संगठन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं जिनमें उपभोक्ताओं के अधिकारों और सुरक्षा को बढ़ावा दिया जाता है। इस दिन पर विभिन्न मीडिया भी उपभोक्ताओं के अधिकारों को बताने वाली खबरों और रिपोर्टों को प्रसारित करते हैं। इस दिन का महत्व इस बात में भी है कि यह उपभोक्ताओं के अधिकारों को सुरक्षित बनाने के लिए सरकारों और उत्पादकों के ध्यान को खींचता है। यह दिन उपभोक्ता संगठनों को एक मंच प्रदान करता है जहां वे उपभोक्ताओं के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं।

इसलिए, विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जो उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने और सुरक्षित उत्पादों और सेवाओं की मांग को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन के माध्यम से लोगों को यह भी बताया जाता है कि वे अपने हक के लिए लड़ सकते हैं और उन्हें उपभोक्ता अधिकार संबंधी मुद्दों से अवगत कराया जाता है। इस दिन के अंतर्गत, संगठनों द्वारा उपभोक्ताओं को उत्पाद या सेवा से संबंधित मुद्दों को लेकर जागरूकता पैदा की जाती है जो उन्हें अपने अधिकारों को संरक्षित करने में मदद करती है।